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ज़िन्दगी का दूसरा नाम इम्तिहान

कहते हैं ज़िन्दगी का दूसरा नाम इम्तिहान हैं
पर क्यूँ, हर इम्तिहान में कोई न कोई क़ुर्बान हैं

अक्सर टूटे सपनो से बिखर जाया करते है वो लोग…
जो भी यहां जीवन के सच से रहते अनजान है

अब सपने संजोने वाली उन आखों का क्या कसूर
नादान दिल की वो तो बस एक छवि, एक पहचान है

ज़िन्दगी समझते हैं कुछ लोग चंद पलों को
इश्क़ में कहाँ रहता ज़मीन पर कोई इंसान है

जब मिलती है सजा ज़िन्दगी में, किसी से दिल लगाने की,
लगे बोझ खुदा का वो तोहफा, जिसका नाम जान है

ज़िन्दगी कितना भी दे गम, हंस के जी लो यारों
मौत भी आज तक कहाँ हुयी किसी पे मेहरबान है

जीवन सुख दुःख का एक घूमता चक्र है
जो ना समझा ये, वो नादान है, वो नादान है

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2 Comments

  1. Heart touching poetry ,poem
    Padhke dil khus ho Gaya . Aapka post padhke dil khus ho jata h

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