तुझे फिर से प्यार करना होगा,
तेरा फिर से ऐतबार करना होगा।
तेरे साथ जीने की आरज़ू में,
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।
सरे आम मिली थी जो जिल्लत तुझसे,
मुझसे भूले नहीं भूली जाती।
सब भूल कर आगे बढ़ना होगा,
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।
तेरा हर इल्ज़ाम मेरे दिल पर एक ज़ख्म है,
तेरे दिल में मेरे लिए नफरत ज़्यादा प्यार कम है।
आज हर उस ज़ख्म को भरना होगा,
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।
मेरे आंसुओं में मेरी सच्चाई थी,
फिर मैंने तेरी कसम भी तो खायी थी।
तुझे ऐतबार मेरा आज करना होगा, वरना…
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।
मुझे फिर से एक बार मरना होगा।।
~ निशा अरोड़ा (हिना)