मैंने कोरोना का रोना देखा है!
और उम्मीदों का खोना देखा है!!
लाचार मजदूरों को रोते देखा है!
गिरते पड़ते चलते और सोते देखा है!
पिता को सूनी आंखों से तड़पते देखा है!!
तो मां की गोद में बच्चे को मरते देखा है!
गरीबों का खुलेआम रोष देखा है!!
तो मध्यमवर्ग का मौन आक्रोश देखा है!
पीएम केयर के लिए भीख की शैली देखी है!
तो उसी पैसे से वर्चुअल रैली देखी है!!
गरीबों को अस्पतालों में लुटते देखा है! !
तो निर्दोषों को बेवजह पिटते देखा है!
अल्लाह भगवान की दुकानों का बंद भी होना देखा है!
तो रोना रोती सरकारों का अंत भी होना देखा है!!
~ Dr. Anita
this story mene corona kal rona dekha hai is awesome. i really like it.