हाँ तो अब हम कुछ बदले बदले से हो गए हैं
उलझे से थे अब कुछ सुलझे से हो गए हैं
अब हम हँसतें हैं लोगो को हंसाने के लिए
अपना दिल-ए-हाल सब से छुपाने के लिए
अब हम अपने दिल का हाल उन्हें बताते नहीं हैं
हमे तकलीफ हो रही ये उनको बताते नहीं है
अब उन्हें परेशान कम किया करते हैं
वो हमे भूल जाये ये मौका भरपूर देते हैं
पर हम उनकी मुस्कान को भला कैसे भुलायेंगे
इस एक तरफा प्यार को भला अब किसे दिखाएंगे
प्यार वही है बस अब उनको बताते नहीं
पर सच तो यही है उनको हम भूल पाते नहीं
अब भी हम उनमे खोते जा रहे
वो हमारे नहीं पर हम उनके और भी ज्यादा होते जा रहे है
~ Dhananjay Verma