0दोस्ती में गुस्से में भी प्यार Posted on September 15, 2021 by techiदोस्ती…. कभी-कभी तू मुझमे उलझ-सी जाती है कभी – कभी तू गुस्सा हो जाती है पर तुझमे उलझ कर ही तो…. मैं सुलझी हू तेरे गुस्से मे भी प्यार है ऐ! दोस्त तेरे ऐसे एहसानो की भरमार है तभी तो मेरे जीवन मे खुशीयो की बहार है। – Anjali Kachhwaha Share ThisRelated posts:रिश्ते स्वार्थी, दोस्ती बदनाम, प्यार दिखावा, सबके मायने बदल गए दोस्ती निभाने की सजा लोग प्यार के नाम पर करते हैं फरेब प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ आज कोई दोस्त पुराना याद आता है मुझे अजनबी से प्यार हो गया झूठा सही मगर प्यार तो हो