आज फिर से प्रकाश की अंधकार पर जीत होगी
दीपो की माला से सजती ये धरती,
एक नयी दुल्हन सी शोभित होगी,
सुने पड़े किसी कोने को भी आज अपने होने का एहसास होगा
उसको भी तो आज की रात किसी दीये का इंतजार होगा
हर घर में उजाला, हर गली में उल्लास होगा
गणेश जी की होगी पूजा, लक्ष्मी जी का श्रँगार होगा
छोटा हो या बड़ा सबमे उमंग और उत्साह होगा
सुनकर सजती बालाओं को अपने पतिओं का इंतजार होगा
आज की रात तो आसमान भी धरती का दीदार करता होगा,
खूब मनाओ खुशियाँ जी भर ये मत सोचो कल क्या होगा
एक साल में एक बार ही आता ये त्यौहार निराला,
मधुशाला की सेर लगाओ, पी आओ मस्ती का प्याला
आप सभी को दीपावली का ये त्यौहार मुबारक हो