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ऐतबार -ए- मोहब्बत में इस कदर टूटे

ऐतबार – ए – मोहब्बत में इस कदर टूटे है, कि……..,
सुकून-ए-दिल की तलाश में ना जाने कहां-कहां भटके है

 

~ आयुषी शर्मा

 

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गिराया जिसे अपनों ने

गिराया जिसे अपनों ने वो उठकर फिर क्या करता
परायों से जो लड़ा नहीं वो अपनों से क्या लड़ता

~ अतुल शर्मा

 


 

Giraya jise apno ne Wo uthkar fir kya karta
Parayo se jo lada nahi Wo Apno se kya ladta

~ Atul Sharma

 

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कामयाबी के फ़िक्र में ज़िन्दगी

Kamyabi ke Fikar me Zindagi Status

 

अब पहले जैसी ना रही ज़िंदगी बस सोचते सोचते गुज़र रही है,
मौज तो बचपन में थी यारों अब तो कामयाबी के फ़िकरों में निकल रही है।

 

~ Nitish Dutt

 

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