चलते चलते राह में उनसे पहली मुलाकात हुई,
वो कुछ शरमाई फिर सहम सी गई,
दिल तो हमारा भी किया कि कह दे उनसे
अपने दिल की बात…
पर कम्बखत इस दिल की इतनी हिम्मत ही न हुई.
तन्हा मौसम है और उदास रात है
वो मिल के बिछड़ गये ये कैसी मुलाक़ात है,
दिल धड़क तो रहा है मगर आवाज़ नही है,
वो धड़कन भी साथ ले गये कितनी अजीब बात है!
जब यार मेरा हो पास मेरे, मैं क्यूँ न हद से गुजर जाऊँ,
जिस्म बना लूँ उसे मैं अपना, या रूह मैं उसकी बन जाऊँ।
लबों से छू लूँ जिस्म तेरा, साँसों में साँस जगा जाऊँ,
तू कहे अगर इक बार मुझे, मैं खुद ही तुझमें समा जाऊँ।
Pyar ka mosam pyar ki barish sath laya h
Pyar ka tufaan aaj dil me yu umad aaya h
Tuje chumne k liye fir wahi armaan laya h
Tere tan badan or mann tak bhigone k liye
Badalo par bhi aaj koi shaitaan sa chaya h