Home » Diwali Poems
“ हो मुबारक ये त्यौहार आपको दीपावली का
ज़िन्दगी का हर पल मिले आपको खुशहाली का
प्यार के जुगनू जले, प्यार की हो फुलझड़िया
प्यार के फूल खिले, प्यार की हो पंखुड़िया
प्यार की बंसी बजे, प्यार की हो शहनाईया…
खुशियो के दीप जले, दुःख कभी न ले अंगड़ाईयां ”
आपको और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक बधाईया
हर घर में हो उजाला, आये ना रात काली,
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली
हर घर में हो सदा ही, माँ लक्ष्मी का डेरा,
हर शाम हो सुनहरी, और महके हर सवेरा
दिल हो सभी के निर्मल, ना ही द्वेष भाव आये,
मन में रहे ना शंका, सुरो में मिठास लाये
हर घर में हो उजाला, आये ना रात काली,
हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली
हैप्पी दिवाली
आओ दिवाली मनाये हम
खुशियों का मौका हैं खुशिया मनाये हम
कभी धर्म, कभी जाति, कभी भाषा के नाम पर लड़े हम
फिर भी कहते हो दिवाली हैं, आओ हाथ मिलाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
जला के औरो के घरो को इस दिवाली में
किस मुँह से अपने.. घरो को सजाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
इस दिवाली सोया किसान का घर एक साथ खा के ज़हर
हमे इससे क्या, आओ बच्चो को अपने मिठाई खिलाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
कोई मराठी, कोई पंजाबी, कोई तमिल, तो कोई बंगाली
आओ निकले इस दिवाली एक हिंदुस्तानी ढूंढ लाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
मारा गया कल मुंबई में एक माँ का लाल नाम जिसका राहुल था
छोड़ो यारो उस अजनबी की मौत पे क्यों मातम मनाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
सो रहा हैं देश मेरा, घायल आज ओढ़े हुए कफ़न
आओ यारो दीपक नहीं, उसकी चिता जलाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
खुशियों का मौका हैं खुशिया मनाये हम
~ Sajid
जगमग दिये की तरह, जलते रहो तुम सारी उम्र
मन में छुपे अंधेरों को, खलते रहो तुम सारी उम्र
रौशनी की रात आई है, खुशियों की सौगात लाई है
देखो आज ज़मीन पर यूँ, सितारों की बारात आई है
दिवाली के पटाखों की तरह, दर्द के छाले फोड़ दो
हो बुराई जितनी भी मन में, आज तुम सब छोड़ दो
आओ बनाएं एक नया जहां, ना रहे कोई मजबूर जहाँ
जगमगाते रहे यूँही हम सब, दुखों का हो फिर दूर जहां
दीपावली के मौके पर, स्वच्छता की शपथ ले हम
अपने प्यारे भारतवर्ष में, एकता की शपथ ले हम
Alag alag rango me badalti ye raat nirali hain
Gali gali me log aur charo taraf khushali hain
Huyi hai hasil yu to ronake meri najro ko bhi,
Lekin tu nahi samne to aankhe b khali khali h
Ye innayite teri chahto ke sadke hi to payi hain
K teri hi khusbu, unse mehaki dil ki dali dali h
Kaash intjaar k en najuk lamho me aa jaye tu,
K tere bina lagti badi hi suni suni si ye Diwali h