मुझे लेते हो जब अपनी मुहब्बत की पनाहों में,
ये जादू कैसा तुम करते खिची आती मै बांहों में,
ये धड़कन तेज क्यों होती ये सांसे क्यों उखडती है
मुझे जब देखते हो तुम निगाहों ही निगाहों में..!!
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,
अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें
इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने
धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
Zindagi bhar ke liyein tera sath nibhana chaahte hain
Tumhari in ankho me sada ke liye bas jana chahte hai
Chahte is dil ki, na jane humse kya kya chahati hain..?
Nazar bhar tumhe dekhkar, tum pr mar jana chahte h
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!