एक अरसे बाद अजनबी से मिले हम
चेहरे पे हंसी और आँखे थी नम
कुछ ही पलों की वो मुलाकात थी
उदास बहुत वो सारी रात थी
ना भूक थी,.. ना प्यास थी
उससे मिलने की फिर से एक आस थी
फिर मेने दिल को समझाया
ए-दिल ना कर अब उसका इंतजार
जिसे कभी मंज़िल नहीं मिलती
वही तो होता है सच्चा प्यार