लबो से चाहत की खुशबू चुराने दो
बहुत हो गया सितम, अब तो पास आने दो
ना करना जुबां से इज़हार मोहब्बत का…
बस इशारो से ही राज़-ए-दिल की बात बताने दो
हो मेहबूब तुम्हारे जैसा हसीन तो मुमकिन हैं
देख कर तुमको निगाहो में खुमार भर जाने दो
है गुज़ारिश नहीं संभालता ये इश्क़ हमसे
अब तो टूट कर बाहो में बिखर जाने दो
Nice
Mast
jas sayri
Maza aagaya Bhai