शरारत भी मियाँ अब तो सोच कर करते हो
ये कैसा बना लिया है आखिर तुमने खुद को
इतनी भी समझदारी अच्छी नहीं होती है
जीवन की राहें हमेशा कच्ची नहीं होती है
खुलकर जीना भी ज़रूरी है इस जहान में
कब तक क़ैद रहोगे तुम डर के मकान में
भरोसा जब टूटता है तो यकीनन दर्द होता है
पर हर दर्द में ही तो छुपा एक हमदर्द होता है
मोहब्बत भी मियाँ अब तो सोच कर करते हो
ये कैसा बना लिया है आखिर तुमने खुद को।
I love you my life
Achha laga yeh padhkar par dil ro kar bhi ro nahi pata kyouki, jisne dil toda hai wo mujhe samajh hi nahi paata…
wow
itani dard bhari love dil ko chu jata pyar mai log apna hosh kho jate hai
Mast
nice thought…. i like at….
k.s.p
Wow nice
Mast