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Sad Poem on Garibi | गरीबी सबसे बड़ी सजा

खुशियों को हर कोई बाँट लेता हैं
पर किसी के गम को बांटना आसान नहीं होता

किसी जरुरतमंद की मदद करना इंसानियत हैं
ये किसी पर कोई एहसान नहीं होता

परिंदे भी लौट आते हैं आखिर में अपने बसेरे की ओर
पर कई इंसान ऐसे भी हैं जिनका कोई मकान नहीं होता

एक बच्चा सड़क के किनारे बैठ कुछ सोच रहा था
क्या गरीब बच्चो के दिल में कोई अरमान नहीं होता ?

ये बात सच हैं के हर एक का अपना अपना नसीब हैं
पर क्या कमजोर लोगो को देख मन कभी शर्मिंदा नहीं होता

आज के दौर में गरीबी से बड़ी कोई सजा नहीं
काश ऐसा हो के गरीबी का ही कोई नाम-o-निशान नहीं होता

~ Khwaish

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